अलवर जिला दर्शन: राजस्थान का प्रवेश द्वार

अलवर, राजस्थान के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जिला है। यह अपनी राजसी विरासत, प्राकृतिक सुंदरता और आधुनिक विकास का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है। अरावली पर्वतमाला से घिरा यह क्षेत्र महाभारत काल के मत्स्य देश के रूप में जाना जाता था और विभिन्न राजवंशों के शासनकाल का साक्षी … Read more

अजमेर जिला दर्शन: राजस्थान की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर

अजमेर, राजस्थान का एक ऐसा जिला है जो अपने ऐतिहासिक गौरव, धार्मिक महत्व, शैक्षिक संस्थानों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यह शहर न केवल राजस्थान के केंद्र में स्थित है, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी राज्य की आत्मा के रूप में पहचाना जाता है। अरावली पर्वतमाला की गोद में बसे इस जिले … Read more

विजयदान देथा: राजस्थानी लोककथाओं के अमर कथाकार

राजस्थान की रेतीली धरती पर जन्मा एक ऐसा साहित्यकार, जिसने अपने शब्दों से लोककथाओं को अमर कर दिया—विजयदान देथा। वे केवल एक लेखक नहीं थे, बल्कि लोककथाओं के पुनर्जन्मदाता थे। उनकी कहानियाँ राजस्थान की मिट्टी से उपजी, पर उनकी सुगंध पूरे साहित्य-जगत में फैल गई। ‘बिज्जी’ के नाम से प्रसिद्ध विजयदान देथा ने अपनी लेखनी … Read more

हरियाली तीज: प्रेम, सौंदर्य और संस्कृति का उत्सव

हरियाली तीज राजस्थान की महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह पर्व न केवल प्रकृति की हरियाली का उत्सव है, बल्कि सौभाग्य, प्रेम और पारिवारिक समर्पण का भी प्रतीक है। श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाने वाला यह त्योहार विशेष रूप से सुहागिन स्त्रियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। … Read more

पुष्कर मेला: आस्था, संस्कृति और पर्यटन का संगम

राजस्थान की रेत में कई कहानियाँ दफ़न हैं, लेकिन कुछ ऐसे मेले और त्योहार हैं जो इस सूखी धरती में भी रंगों की बहार ले आते हैं। पुष्कर मेला उन्हीं में से एक है, जहाँ आस्था, व्यापार, संस्कृति और पर्यटन का अनूठा संगम देखने को मिलता है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यह … Read more

राजस्थानी वेशभूषा: रंगों की शान, संस्कृति की पहचान

“रेत पे चाँदी की चादर बिछी है, हवा में सुरों की रवानी बसी है। घाघरा-ओढ़नी, अचकन, पगड़ी, संस्कृति की मीठी कहानी लिखी है।” राजस्थान, एक ऐसा प्रदेश जो अपनी ऐतिहासिक शौर्यगाथाओं, स्थापत्य कला और लोकसंस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की धरती जितनी वीरों की कहानियों से भरी है, उतनी ही समृद्ध इसकी वेशभूषा भी … Read more

रावण हत्था: राजस्थान की संगीत का सूफ़ियाना सुर

राजस्थान की मिट्टी में संगीत की जो रवायतें बसती हैं, वे सदियों पुरानी हैं। इस रेतीले प्रदेश की फिज़ा में जो सुर घुले हुए हैं, वे केवल ध्वनि नहीं, बल्कि एक रूहानी अहसास हैं। इन्हीं सुरों की महक में एक नाम रावण हत्था का भी है, जो अपनी जादुई धुनों से दिलों को मोह लेता … Read more

हाड़ी रानी: त्याग, शौर्य और बलिदान की अमर गाथा

राजस्थान की धरती शौर्य और बलिदान की साक्षी रही है। यहां की रेत कण-कण में वीरता की गाथाएं समाई हुई हैं, और यहां के किलों की दीवारें शूरवीरों के स्वाभिमान, साहस और आत्मसम्मान की कहानियां कहती हैं। यह भूमि केवल पुरुष वीरों की ही नहीं, बल्कि वीरांगनाओं की भी रही है, जिन्होंने अपनी असाधारण वीरता … Read more

पन्नाधाय: बलिदान और मातृभूमि के प्रति अद्वितीय निष्ठा

इतिहास के पन्नों में कुछ ऐसे नाम दर्ज हैं जो कभी धुंधले नहीं पड़ते। ये वे नाम हैं, जिन्होंने अपने स्वार्थ, भावनाओं और निजी सुखों से ऊपर उठकर देश, समाज और संस्कृति की रक्षा के लिए अतुलनीय बलिदान दिए। ऐसी ही एक महान विभूति थीं पन्नाधाय। राजस्थान की इस वीरांगना ने मातृत्व की परिभाषा को … Read more

अलगोजा: राजस्थान की रेत में बसी सुरों की सरगम

राजस्थान की मिट्टी में कण-कण संगीत से सराबोर है। यहाँ का हर किला, हर गली और हर रेगिस्तानी टीला अपनी ही एक अनसुनी धुन बुनता है। इसी सुरमयी धरती का एक बेजोड़ लोक वाद्य है अलगोजा, जिसे जब कोई कुशल कलाकार बजाता है, तो लगता है जैसे रेगिस्तान खुद गुनगुना उठा हो। यह वाद्य यंत्र … Read more

अमरसिंह राठौड़: कटार का धणी

राजस्थान की धरती वीरता, स्वाभिमान और बलिदान की गाथाओं से भरी पड़ी है। इस मिट्टी ने अनगिनत रणबांकुरों को जन्म दिया, जिन्होंने अपनी तलवार की धार से इतिहास के पन्नों पर वीरता के सुनहरे अक्षर लिखे। इन्हीं में से एक नाम है—अमरसिंह राठौड़, जिन्हें “कटार का धणी” कहा जाता है। उनका नाम सुनकर दुश्मनों के … Read more

राजस्थान विश्वविद्यालय: इतिहास, उपलब्धियाँ और भविष्य की संभावनाएँ

A group of college students with backpacks walking together outdoors on campus.

राजस्थान विश्वविद्यालय (University of Rajasthan) राज्य का सबसे प्रतिष्ठित और प्राचीन उच्च शिक्षण संस्थान है। यह विश्वविद्यालय राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है और शिक्षा, अनुसंधान और सांस्कृतिक गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र रहा है। 1947 में अपनी स्थापना के बाद से, यह विश्वविद्यालय लगातार शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ छूता रहा है। … Read more

उदयपुर का सफ़र: हसीन वादियां और ऐतिहासिक धरोहर

जब बात हिंदुस्तान के अद्वितीय शहरों की हो, तो उदयपुर का ज़िक्र न करना मुमकिन नहीं। राजस्थान की गोद में बसा यह शहर अपने हसीन वादियां, पारंपरिक रीति रिवाज और मोहब्बत भरे माहौल के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। इसे न सिर्फ “झीलों की नगरी” कहा जाता है, बल्कि यह अपनी शानो-शौकत, वास्तुकला और … Read more

लक्ष्मी निवास मित्तल: दुनिया के इस्पात सम्राट

लक्ष्मी निवास मित्तल का नाम सुनते ही जेहन में एक ऐसे शख्स की तस्वीर उभरती है, जिसने अपनी मेहनत, बुद्धिमत्ता और इरादे की बुलंदी से न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया। भारतीय मूल के यह महान उद्योगपति अपने कौशल, साहस और दूरदर्शिता के बल पर दुनिया के सबसे बड़े स्टील … Read more

रूमा देवी का परिचय: संघर्ष, सृजन और प्रेरणा की एक जीवंत मिसाल

रूमा देवी का जीवन उस मशाल की तरह है, जो अंधेरों को चीरकर रोशनी का रास्ता दिखाती है। राजस्थान के बाड़मेर जिले के रेतीले धोरों में पली-बढ़ी रूमा देवी की कहानी न सिर्फ संघर्ष का सफरनामा है, बल्कि यह बताती है कि इरादों की मज़बूती से कैसे बंजर धरती पर भी फूल खिलाए जा सकते … Read more

रेगिस्तानी जीवन का अनुभव: संघर्ष, संस्कृति और हुस्न का संगम

caravan, desert, safari, dune, camels, ride, more, rajasthan, camel, trekking, evening, dusk, sunset, entertainers, music, indian, nature, people, men, adventure, travel, tourism, brown music, brown travel, brown sunset, brown desert, rajasthan, rajasthan, rajasthan, rajasthan, rajasthan

रेगिस्तान का नाम सुनते ही ज़हन में तपती धूप, बेशुमार रेत के टीलों और ख़ामोश धरती का मंज़र उभरता है। लेकिन राजस्थान के थार रेगिस्तान का तजुर्बा इन आम धारणाओं से कहीं ज़्यादा दिलचस्प और अद्वितीय है। यह इलाक़ा सिर्फ़ मुश्किलात का मर्कज़ नहीं है, बल्कि इंसानी जज़्बे, रंगीन संस्कृति और प्रकृति के अद्भुत संतुलन … Read more

तेजाजी महाराज: सत्य, वीरता और जनसेवा के अमर प्रतीक

भारत की लोक संस्कृति में लोकदेवताओं का विशेष महत्व है। राजस्थान की वीर भूमि तो ऐसे महान लोकनायकों से भरी हुई है, जिन्होंने अपने साहस और परोपकार से अमरत्व प्राप्त किया। इन्हीं अमर नायकों में से एक हैं वीर तेजाजी महाराज, जिन्हें न केवल वीरता और सत्यनिष्ठा का प्रतीक माना जाता है, बल्कि सांपों के … Read more

कन्हैयालाल सेठिया: राजस्थान का साहित्यिक सूरज

जब भी हम राजस्थान की भूमि की बात करते हैं, तो रेत के बियाबान, ऊँटों की घंटियों की झंकार और बहुरंगी सांस्कृतिक छवियां हमारी आँखों के सामने उभर आती हैं। लेकिन इस धरती पर पैदा हुए कुछ शब्दों के जादूगर ऐसे भी हैं, जिनकी लेखनी ने न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत को एक नई … Read more

महाराणा प्रताप: वीरता और स्वाभिमान की अमर गाथा

महाराणा प्रताप का नाम भारतीय इतिहास में स्वाभिमान, वीरता और मातृभूमि की रक्षा के लिए किए गए अनथक संघर्ष के प्रतीक के रूप में अमर है। उनका जीवन एक ऐसा नज़ारा है जहाँ राजसी ठाठ-बाट की बजाय जंगलों की खाक, सोने-चाँदी के थालों की बजाय जौ की रोटियाँ और राजमहलों की बजाय गुफाएँ उनकी जीवनशैली … Read more

राजस्थान की हस्त कलाएं: रेत में छुपे हुनर के मोती

जब भी राजस्थान का ज़िक्र होता है, तो आंखों के सामने एक ऐसा मंजर उभरता है, जहां सुनहरी रेत, ऊंट की सवारी, और रंग-बिरंगे परिधान नजर आते हैं। लेकिन इन सबके बीच, जो सबसे खास है, वो है राजस्थान की हस्त कलाएं। ये वो फन है, जो न केवल इस प्रदेश की पहचान है, बल्कि … Read more