विजयदान देथा: राजस्थानी लोककथाओं के अमर कथाकार

राजस्थान की रेतीली धरती पर जन्मा एक ऐसा साहित्यकार, जिसने अपने शब्दों से लोककथाओं को अमर कर दिया—विजयदान देथा। वे केवल एक लेखक नहीं थे, बल्कि लोककथाओं के पुनर्जन्मदाता थे। उनकी कहानियाँ राजस्थान की मिट्टी से उपजी, पर उनकी सुगंध पूरे साहित्य-जगत में फैल गई। ‘बिज्जी’ के नाम से प्रसिद्ध विजयदान देथा ने अपनी लेखनी … Read more

हाड़ी रानी: त्याग, शौर्य और बलिदान की अमर गाथा

राजस्थान की धरती शौर्य और बलिदान की साक्षी रही है। यहां की रेत कण-कण में वीरता की गाथाएं समाई हुई हैं, और यहां के किलों की दीवारें शूरवीरों के स्वाभिमान, साहस और आत्मसम्मान की कहानियां कहती हैं। यह भूमि केवल पुरुष वीरों की ही नहीं, बल्कि वीरांगनाओं की भी रही है, जिन्होंने अपनी असाधारण वीरता … Read more

पन्नाधाय: बलिदान और मातृभूमि के प्रति अद्वितीय निष्ठा

इतिहास के पन्नों में कुछ ऐसे नाम दर्ज हैं जो कभी धुंधले नहीं पड़ते। ये वे नाम हैं, जिन्होंने अपने स्वार्थ, भावनाओं और निजी सुखों से ऊपर उठकर देश, समाज और संस्कृति की रक्षा के लिए अतुलनीय बलिदान दिए। ऐसी ही एक महान विभूति थीं पन्नाधाय। राजस्थान की इस वीरांगना ने मातृत्व की परिभाषा को … Read more

अमरसिंह राठौड़: कटार का धणी

राजस्थान की धरती वीरता, स्वाभिमान और बलिदान की गाथाओं से भरी पड़ी है। इस मिट्टी ने अनगिनत रणबांकुरों को जन्म दिया, जिन्होंने अपनी तलवार की धार से इतिहास के पन्नों पर वीरता के सुनहरे अक्षर लिखे। इन्हीं में से एक नाम है—अमरसिंह राठौड़, जिन्हें “कटार का धणी” कहा जाता है। उनका नाम सुनकर दुश्मनों के … Read more

लक्ष्मी निवास मित्तल: दुनिया के इस्पात सम्राट

लक्ष्मी निवास मित्तल का नाम सुनते ही जेहन में एक ऐसे शख्स की तस्वीर उभरती है, जिसने अपनी मेहनत, बुद्धिमत्ता और इरादे की बुलंदी से न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया। भारतीय मूल के यह महान उद्योगपति अपने कौशल, साहस और दूरदर्शिता के बल पर दुनिया के सबसे बड़े स्टील … Read more

रूमा देवी का परिचय: संघर्ष, सृजन और प्रेरणा की एक जीवंत मिसाल

रूमा देवी का जीवन उस मशाल की तरह है, जो अंधेरों को चीरकर रोशनी का रास्ता दिखाती है। राजस्थान के बाड़मेर जिले के रेतीले धोरों में पली-बढ़ी रूमा देवी की कहानी न सिर्फ संघर्ष का सफरनामा है, बल्कि यह बताती है कि इरादों की मज़बूती से कैसे बंजर धरती पर भी फूल खिलाए जा सकते … Read more

तेजाजी महाराज: सत्य, वीरता और जनसेवा के अमर प्रतीक

भारत की लोक संस्कृति में लोकदेवताओं का विशेष महत्व है। राजस्थान की वीर भूमि तो ऐसे महान लोकनायकों से भरी हुई है, जिन्होंने अपने साहस और परोपकार से अमरत्व प्राप्त किया। इन्हीं अमर नायकों में से एक हैं वीर तेजाजी महाराज, जिन्हें न केवल वीरता और सत्यनिष्ठा का प्रतीक माना जाता है, बल्कि सांपों के … Read more

कन्हैयालाल सेठिया: राजस्थान का साहित्यिक सूरज

जब भी हम राजस्थान की भूमि की बात करते हैं, तो रेत के बियाबान, ऊँटों की घंटियों की झंकार और बहुरंगी सांस्कृतिक छवियां हमारी आँखों के सामने उभर आती हैं। लेकिन इस धरती पर पैदा हुए कुछ शब्दों के जादूगर ऐसे भी हैं, जिनकी लेखनी ने न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत को एक नई … Read more

महाराणा प्रताप: वीरता और स्वाभिमान की अमर गाथा

महाराणा प्रताप का नाम भारतीय इतिहास में स्वाभिमान, वीरता और मातृभूमि की रक्षा के लिए किए गए अनथक संघर्ष के प्रतीक के रूप में अमर है। उनका जीवन एक ऐसा नज़ारा है जहाँ राजसी ठाठ-बाट की बजाय जंगलों की खाक, सोने-चाँदी के थालों की बजाय जौ की रोटियाँ और राजमहलों की बजाय गुफाएँ उनकी जीवनशैली … Read more